मानसिक स्वास्थ्य क्या है? मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक रोग में अंतर क्या है: इस लेख में जानेंगे। आये दिन मानसिक स्वास्थ्य चर्चा का विषय बना रहता है। इस भागती दौड़ती दुनिया में न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य ही हमारे दैनिक कामकाज करने के लिए प्रभावित होते है। आपको बता दूं कि दुनिया भर में 300 मिलियन लोग गंभीर मानसिक समस्याओं से प्रभावित है। इस संबंध में भारत के समक्ष क्या चुनौतियां हैं संसाधनों का अभाव या आम जनता के बीच जागरूकता न होना ? अहम मुद्दा है।
मानसिक स्वास्थ्य क्या है? |
WHO की रिपोर्ट बताती है कि साल 2015-16 के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक भारतभर में 15 करोड लोगों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि मानसिक रूप से स्वस्थ उसे कहते हैं जो किसी तरह के मानसिक रोग से पीड़ित ना हो। लेकिन यह मिथ्य है सच्चाई नहीं। मानसिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना क्यों महत्वपूर्ण है? आइए आज इस लेख में मानसिक स्वास्थ्य को विस्तार से जानते है
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ एवं परिभाषा
WHAT IS MENTAL HEALTH: मानसिक स्वास्थ्य मस्तिष्क के आंतरिक संतुलन की एक गतिशील स्थित है ।
सही अर्थ में मानसिक स्वास्थ्य के लिए न केवल मानसिक रोग से मुक्त होना आवश्यक है, बल्कि यह अनिवार्य है कि संवेगात्मक समायोजन, व्यवहारात्मक समायोजन तथा अनुकूलन भी वर्तमान हो।
मनोवैज्ञानिक चैपलिन के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य कल्याण की आत्मगत अवस्था, जीने के लिए उत्साह तथा अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं के व्यवहार के भाव के साथ उत्तम समायोजन से है।" (Chaplin, 1975)
- एक ऐसी मनोदशा जो सकारात्मक, स्थिर और अनुकूल के उच्च स्तर पर कार्य कर रहा हो।
- जिसमें व्यक्ति समाज के सार्वभौमिक मूल्य के अनुरूप अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन और समायोजन करता है।
- मानसिक स्वास्थ्य में मानसिक रूप का मात्र अभाव नहीं है।
- मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में मानसिक रोग से मुक्त होने के साथ-साथ संवेगात्मक समायोजन तथा अनुकूलन का होना भी आवश्यक है।
- मानसिक स्वास्थ्य के साथ कल्याण की आत्मगत चेतन आवश्यक है ।
- मानसिक स्वास्थ्य में गहरा संबंध जीने के उत्साह के साथ बेहतर समायोजन से होता है।
मानसिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते है?
Mansik Swasthya se taatparya :मानसिक स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे सोचते हैं महसूस करते हैं और कार्य करते हैं।
- मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, सामाजिक स्वास्थ्य जो किसी व्यक्ति के समग्र व्यावहारिक स्वास्थ्य में सहयोग देते हैं
- और संवेगात्मक स्वस्थ रहते हैं उसे मानसिक स्वास्थ्य के रूप में जाना जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहने से जीवन आसान हो जाता है।
- जीवन में नुकसान, बदलाव, डर, अनिश्चितताओं, असफलताओं से निपटने अच्छे रिश्ते बनाए रखने और सीखने में मदद करता है।
- इससे एक व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है यह विश्वास आता है
- कि वे जीवन के तनाव के साथ सामना कर सकते हैं
- उत्पादकता, काम और अपने या अपने समुदाय के लिए एक योगदान करने में सक्षम हैं।
- व्यक्ति में स्थिरता सकारात्मक और अंतरंग सुख के अभाव में बैलेंस्ड और अच्छा जीवन शैली शामिल होती है।
- जो दैहिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्णता स्वस्थ होता हो।
मानसिक स्वास्थ्य तथा मानसिक रोग में क्या अंतर है?
10 differences between mental health and mental illness in hindi new : मानसिक स्वास्थ्य का संघटक किसी व्यक्ति की अपनी योग्यताओं के उत्तम उपयोग के भाव के साथ समायोजन है।
मनोवैज्ञानिक रेबर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है की मानसिक रोग तथा मानसिक स्वास्थ्य दो स्वतंत्र संप्रदाय है जिसके बीच गहरा संबंध होते हुए भी कई स्पष्ट अंतर भी है।
एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित हो सकता है अथवा नहीं भी होता है।
10 प्रमुख अंतर -
यहां वो 10 प्रमुख अंतर पर ध्यान देंगे जिससे मानसिक स्वास्थ्य तथा मानसिक रोग के सही रूप से समझने में सहायता मिल सके :-
- 1. मानसिक स्वास्थ्य का कॉन्सेप्ट वस्तुतः मानसिक रोग के कॉन्सेप्ट से अधिक व्यापक है
- जो व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होता है वह मानसिक रोग से मुक्त भी होता है।
- दूसरी ओर जो व्यक्ति मानसिक रोग से मुक्त होता है, वह सामाजिक रूप से स्वस्थ भी होता हो, यह आवश्यक नहीं है।
- 2. मानसिक स्वास्थ्य तथा मानसिक रोग के बीच एक बारीक अंतर यह है
- कि एक व्यक्ति मानसिक रोग से मुक्त होने पर यह आवश्यक नहीं है कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ भी हो।
- लेकिन जो व्यक्ति मानसिक रूप से रोगी हो उसके लिए यह आवश्यक है कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होगा।
- 3. मानसिक स्वास्थ्य एक जटिल कांसेप्ट है
- इसीलिए मानसिक रूप से स्वस्थ या अस्वस्थ व्यक्ति की पहचान अधिक कठिन है
- जबकि मानसिक रोग एक सरल संप्रत्यय है
- इसलिए मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति की पहचान अपेक्षाकृत सरल है।
- 4. मानसिक स्वास्थ्य कोई संज्ञानात्मक विकृति का परिणाम नहीं होता है
- जबकि मानसिक रोग प्राय: संज्ञानात्मक विकृति का परिणाम होता है।
- 5. मानसिक स्वास्थ्य का मूल मापदण्ड समायोजन विभिन्न हैं।
- एक व्यक्ति अपने परिवार तथा समाज के लोगों के साथ विभिन्न विमाओं जिस सीमा तक समायोजित होता है,
- उसी सीमा तक उसे मानसिक रूप से स्वस्थ माना जाता है।
- जबकि मानसिक रोग का आधार सामाजिक एवं सांस्कृतिक मानक(norms) है।
- व्यक्ति जिस हद तक मानक से विचलित होता है उसी हद तक उसे मानसिक रोगी माना जाता है ।
- इसीलिए कहा जाता है कि "मानसिक रोग एक विचलित व्यवहार है।" "Mental illness is a form of deviant behaviour".
- संवेगात्मक समायोजन तथा अनुकूलन के उच्च स्तर पर कार्य मानसिक रोग से बीमार व्यक्ति पर लागू नहीं होता।
- 6. मानसिक रोग के जैविक तथा मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के कारण होते हैं।
- मनोविदालिता(Schizophrenia) जैसे गंभीर मानसिक रोग का मुख्य कारण- अनुवांशिकता (heredity) है।
- जबकि मानसिक स्वास्थ्य का मुख्य आधार सामाजिक या मनोवैज्ञानिक है।
- 7. मानसिक रोग वंशागत हो सकता है, जिसका खुला उदाहरण मनौवैदलिता है।
- जबकि मानसिक स्वास्थ्यता या अस्वस्थता का संबंध आनुवंशिकता से नहीं है।
- 8. मानसिक रोग व्यक्ति, परिवार तथा समाज के लिए अधिक घातक होता है।
- यह बात स्नायु विकृति की अपेक्षा मनोविकृति के रोगी में स्पष्ट रूप से देखी जाती है ।
- जबकि मानसिक अस्वस्थ व्यक्ति परिवार तथा समाज के लिए इस रूप में घटक नहीं है।
- 9. मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन क्षेत्र अधिक सीमित है।
- स्कूल कॉलेजेस् या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों व अन्य स्त्रोतों से इसकी जानकारी मिल जाती है।
- जबकि मानसिक रोग का अध्ययन अपेक्षाकृत अधिक व्यापक तथा विस्तृत है।
- 10. मानसिक स्वास्थ्य का उपचार पक्ष वास्तव में गौण होती है।
- जबकि मानसिक रोग का उपचार पक्ष अधिक महत्वपूर्ण होता है।
- उपचार के अभाव में मानसिक रोग अधिक गंभीर हो सकता है।
हालांकि मेंटल हेल्थ के फील्ड में और अधिक उपचार उभर कर सामने आते दिख रहे हैं।
निष्कर्ष:
सामाजिक समायोजन, अनुवांशिकता आदि मानसिक स्वास्थ्य तथा मानसिक रोग में उपर्युक्त कई अंतर हो सकते है।
आम जनता बच्चें, बुजुर्ग, महिलाओं पुरुषों आदि को आज अधिक जागरूक होने और करने की आवश्यक है, जिससे आप एक बेहतर जीवन जी सकें।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए थेरेपी, दवा और मानसिक पेशेवरों की देखरेख आवश्यक है।
संदर्भ:
[WHO Report, Abnormal psychology, APA.]
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