विश्व शांति स्तूप, राजगीर: राजगीर को बुद्ध और महावीर दोनों की निवास भूमि होने का गौरव प्राप्त है। आज राजगीर देश विदेश विभिन्न धर्मों को साथ लिए आस्था, एकता और शांति का प्रतीक बन गया है। पूरी दुनिया में 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है।
विश्व शांति स्तूप[Vishwa Shanti Stupa] राजगीर, शांति व मैत्री का संदेश देता |
राजगीर स्थित विश्व शांति स्तूप को समर्पित इस लेख में विश्व शांति स्तूप से संबंधित सारी जानकारी दी गई है; जिसे पढ़कर विश्व शांति स्तूप को किसने बनवाया, इसकी ऊंचाई, महत्व, कब बना क्यों प्रसिद्ध है? को जानेंगे। जिससे की हमारी जानकारी बढ़े और आपकी यात्रा सुलभ हो।
रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित यह पवित्र स्थल सचमुच इस जगह का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। इसके अपने गुणों के साथ जो भारतीय, तिब्बती और बौद्ध अस्तर का संयोजन है, निश्चित रूप से एक यात्रा के लायक है। तो आइए Vishwa Shanti stupa kya hai के बारे में विस्तार से जानते हैं
विश्व शांति स्तूप क्या है? राजगीर
Vishwa Shanti stupa, Rajgir : विश्व शांति स्तूप, जिसे अंग्रेजी में "World Peace Pagoda" कहा जाता है, एक धार्मिक स्थल (बौद्ध प्रार्थना स्थल) है।
- यहां एक नहीं बल्कि चार बुद्ध की प्रतिमाएं हैं।
- जो शांति और सामंजस्यिता के प्रमोट करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
- मनोहर दृश्यों से भरपूर यह स्थल पर्यटकों को खूब भाता है।
- स्तूप शब्द पाली से लिया गया है जिसका अर्थ होता है 'ढेर'।
- एक गोल टिले के आकार की संरचना जिसका प्रयोग बौद्ध अवशेषों को रखने के लिए किया जाता है।
- यह स्तूपें विश्व भर में कई स्थानों पर स्थापित किए जा चुके हैं।
- विश्व शांति स्तूपें विभिन्न धर्मिक सांस्कृतिकों में एकता और शांति के प्रति समर्पित धार्मिक प्रतीक हैं
जो विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने का प्रयास करती है।
- इसे शांति और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है।
- सचमुच यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध है
- दुनिया की सबसे खूबसूरत, शांत और खुशहाल स्थान में से एक माना गया है
- मनमोहक, परिदृश्य, आश्चर्यजनक, प्राकृतिक दृश्य और जीवंतता का खजाना है
- बौद्धो के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में सामने आया है; विश्व शांति स्तूप, नालंदा राजगीर।
विश्व शांति स्तूप को किसने बनवाया ?
- विश्व शांति स्तूप कहां है : यह स्तूप राजगीर, बिहार में स्थित है। इसे गृड्धकूट पर्वत पर बनाया गया है
- इस स्थान पर विश्व शांति स्तूप का निर्माण जपानी बौद्ध भिक्षु निक्कोन थिएरा द्वारा किया गया था,
- जो 1969 में शुरू हुआ और 1972 में पूरा हुआ।
- इसे गौतम बुद्ध के उपदेशों की स्मृति में बनाया गया है। यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है,
- जहां गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को पहला धर्मचक्र प्रवर्तन किया था।
- इसका निर्माण सत्तत्व और अहिंसा के सिद्धांतों को प्रमोट करने के लिए किया गया है
- यह स्तूप सुंदर दृश्यों और पर्यावरण की शांति के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
स्तूप को किसने डिजाइन किया था? Shanti stupa बनावट :
- स्तूप की वास्तुकला शैली विशिष्ट लद्दाख वास्तुकला से बहुत अलग है
- जो इस क्षेत्र में एक अद्वितीय और लोकप्रिय आकर्षन बनाती है
- यह प्राचीन भारतीय स्थापत्यकला की शैलियों को मिश्रित करता है
स्तूप को किसने डिजाइन किया था? Shanti stupa बनावट |
संरचनाएं [Vishwa Shanti stupa]
- यह स्तूप काफी ऊंचा है इसमें चार शीर्ष होते हैं
- जो विश्व के चार दिशाओं की स्यम्बोलिज्म को दर्शाते हैं
- इसके चारों दिशाओं पर बौद्ध आचार्यों के विचार, लीलाएं और धार्मिक चिन्ह स्थापित है।
- ऊंचाई दो मंजिल है और शीर्ष पर एक गुंबद है
- जो बुद्ध के अवशेषों को ढकने के लिए इस्तेमाल किए गए हैं मिट्टी के तिल की याद दिलाता है
- चकोर रेलिंग वर्गाकार भवन के ऊपर छतरी एक केंद्रीय स्तंभ है इस चक्र कहा जाता है
- यह ब्रह्मांड के आधार का प्रतिनिधित्व करता है।
- स्तूप पर बुद्ध की प्रतिमाएं चारों दिशाओं में स्तूप पर अरुढ़ है
- इसमें एक छोटा सा जापानी बौद्ध मंदिर भी है जिसके अंदर एक बड़ा पार्क है
- स्तूप के पास एक मंदिर है जहां विश्व के शांति के लिए प्रार्थनाएं की जाती है
- यह विश्व शांति स्तूप प्रमुख धार्मिक समुदायों के बीच शांति और एकता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है इसलिए यह विश्व भर में प्रसिद्ध है।
- पहले पहल सांची के बौद्ध स्तूपों का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था
- इन स्तूपों में बौद्धों के अस्ति कलश रखे गए थे जिनके ऊपर स्तूप का निर्माण कराया गया है
- साथ ही स्तूप पर चारों ओर परिक्रमा पथ, हर स्तूप में चार द्वारों का निर्माण किया गया है।
- प्रारंभिक शिवालय का निर्माण 1969 में पूरा हो गया था
- 1993 में होने वाली नई पहल के परिणामस्वरुप स्तूप का वर्तमान रूप में सामने आया।
विश्व का सबसे ऊंचा शांति स्तूप कहां स्थित है?
साल में विश्व शांति स्तूप का वर्षगांठ धूमधाम से मनाया जाता है इस बार भी मनाया गया था।
- स्तूप तक पहुंचाने के लिए 500 सीढ़ियां चढ़े
- और आपके दोनों तरफ बहुत गुफाएं मिलेगी
- सीढ़ियो का एक सेट पहली मंजिल की ओर जाता है
- जो तथागत की केंद्रीय आकृति के साथ एक धर्मचक्र (प्रत्येक तरफ दो हिरणो के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की एक सफेद पट्टी)प्रदर्शित करता है
- दूसरे स्तर पर बुद्ध के जन्म, ध्यान में, शैतानों की हार और बुद्ध की मृत्यु को प्रदर्शित किया गया है,
- साथ ही ध्यान करते हुए बुद्ध की कई छोटी तस्वीरें भी प्रदर्शित की गई हैं, जो सभी शानदार रंगों में उभरी हुई हैं।
- बड़ा ही मनमोहक और शांति प्रिया बौद्ध स्थल जैसे पर्यटनों को अपनी ओर बुलाता है। मन को शुद्ध करता है।
- एक बार जरूर जाएं और बुद्ध के भव्य रूप का दर्शन करें।
- आरामदायक कपड़े पहने और खुद को डिहाइड्रेट रखें । धन्यवाद
निष्कर्ष :
राजगीर में 400 मीटर की ऊंचाई पर रत्नागिरी पहाड़ी के ऊपर स्थित विश्व शांति स्तूप दुनिया का सबसे ऊंचा शांति शिवालय है। "
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