Memory boosting tips tools and techniques. Improve Memory.धारणा शक्ति को कैसे बढ़ाए? स्मृति को उन्नत बनाने की विधि या स्मृति-प्रशिक्षण |over learning
स्मृति को उन्नत बनाने की विधि या स्मृति प्रशिक्षण:
Memory Improvement: स्मृति एक मानसिक प्रक्रिया है। स्मृति को उन्नत बनाना आज चुनौती बन गई है। किसी भी व्यक्ति को किसी समस्या के समाधान में एक तरह का नहीं बल्कि कई तरह के रणनीतियों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मतलब बहुल राणनीति का उपयोग कर सकते हैं।

स्मृति को उन्नत बनाने की विधि या स्मृति-प्रशिक्षण
स्मृति को उन्नत बनाने की विधि या स्मृति-प्रशिक्षण

 मनोवैज्ञानिक स्कनिडर तथा बजोरक्लुड ने अपने अध्ययन में बतलाया है कि अधिकतर छात्र विभिन्न वैकल्पिक रणनीतियों को उत्पन्न करके समस्या समाधान के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग कर तथा साथ ही साथ यह भी पता लगाते हैं कि कब, कहां और क्या उत्तम एवं संतोषजनक ढंग से कार्य कर पाता है। 
जैसे कि उत्तम मेटासंज्ञानात्मक राणनीति तथा आत्म-नियमण को कई तरीके से प्रोत्साहित किया जा सकता है और उससे बेहतर परिणाम पा सकते हैं। धारणा-शक्ति स्मृति को कैसे उन्नत बनाएं आइए विस्तार से जानते हैं

स्मृति को उन्नत कैसे बनाएं? स्मृति के तत्व

Memory Training Techniques : हम जानते हैं कि स्मृति के चार तत्व है- सीखना, धारण करना प्रत्यास्मरण करना तथा प्रत्यभिज्ञा जिससे स्मृति अच्छी से अच्छी हो होती है। इस सिलसिले में मनोवैज्ञानिकों द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है।
वुडरो (Woodrow, 1927) ने स्मृति परीक्षा-प्रशिक्षण या स्मृति को उन्नत बनाने से संबंधित उपाय की प्रभावशीलता देखने के लिए एक प्रयोग किया।
इस प्रयोग में दो समूह थे- प्रयोगात्मक समूह तथा नियंत्रित समूह।
  • प्रयोगात्मक समूह तथा नियंत्रित समूह दोनों को एक समान विषय को तीन घंटे तक सीखने के लिए दिया गया 
  • इसके अलावा प्रयोगात्मक समूह को अपनी स्मरण शक्ति में सुधार लाने के सात तरीके बताए गए 
  • तथा नियंत्रित समूह के इन तरीकों के बारे में कुछ नहीं कहा गया 
  • इसके बाद इन दोनों समूह की स्मृति की जांच की गई
  • और परिणाम में पाया गया की प्रयोगात्मक समूह की स्मृति 36% पहले से उन्नत हो गई थी 
  • जबकि नियंत्रित समूह की स्मृति मात्र 4.5% ही अच्छी हो पाई थी।

स्मृति को उन्नत बनाने से संबंधित 7 उपाय इस प्रकार हैं-

  1. यथासंभवम पूर्ण विधि और विराम विधि से सीखना चाहिए 
  2. सीखते समय अपने आप को जाचते रहना चाहिए अर्थात अपनी धारणा की जांच करते रहना चाहिए
  3. विषय के सदृश अंशो को संगठित करके तथा उसमें सामंजस्य(Rhythm) स्थापित करके सीखना चाहिए
  4. विषय को उसका अर्थ समझकर सीखना चाहिए 
  5. सीखते समय मानसिक सतर्कता तथा एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए 
  6. अपनी स्मरण शक्ति पर विश्वास रखना चाहिए 
  7. गौण- साहचर्यों(secondary associations) का प्रयोग करना चाहिए।

Memory Techniques |स्मृति बढ़ाने की युक्तियां

आधुनिक शिक्षा मनोवैज्ञानिकों ने इन 7 क्लासिकी सुझावों के अलावा कुछ विशेष प्रविधियां के बारे में भी बताया है जिसके सहारे स्मृति को उन्नत बनाया जा सकता है: वो है-

अधिक्य के सीखना (over learning)-
  • किसी विषय या पाठ को जब पूरी तरह सीख देने के बाद भी सीखने के लिए अभ्यास जारी रखा जाता है तो इसे आधिक्य सीखना कहा जाता है। 
  • मनोवैज्ञानिक अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि 
  • जब किसी पाठ या विषय को छात्र ओवर लर्निंग से सीखते हैं 
  • तो इससे उस पाठ का सहचार्य काफी मजबूत हो जाता है 
  • और फलस्वरुप उसकी स्मृति काफी लंबे समय तक बनी रहती है।
बाधा को कम करना (Reducing interference)-
  • कुछ मनोवैज्ञानिकों का मत है कि सीखने की परिस्थिति से बाधा उत्पन्न करने वाले कारकों को 
  • यदि हटा दिया जाता है तो इससे सीखे गए पाठ या विषय की स्मृति अपने-आप अच्छी हो जाती है 
  • जैसे सीखने के विभिन्न परिस्थितियों एवं सामग्री के बीच की समानता को कम कर दिया जाता है 
  • तो इससे उत्पन्न होने वाली बाधा अपने आप दूर हो जाएगी 
  • और उसे विषय या पाठ की स्मृति उन्नत हो जाएगी।
मनोवैज्ञानिक क्रूगर ने अपने अध्ययन के आधार पर यह बताया है कि यदि पाठ या विषय को अर्थपूर्ण(meaningful) बना दिया जाता है तो इससे भी स्मृति उन्नत हो जाती है।

स्मृति सहायक प्रविधियां (Mnemonic device tools)- यह डिवाइस भी स्मृति को उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण होती है। क्लिक कर जाएं पढ़ें।

स्मृति में सुधार करने के कौन-कौन से तरीके है?Memory boosting tips
Memory Techniques |स्मृति बढ़ाने की युक्तियां

विस्तरण एवं संकेतीकरण (Elaboration and encoding)- 
  • जब किसी पाठ या विषय की विस्तृत ढंग से व्याख्या की जाती है तो व्यक्ति उसे ठीक ढंग से याद करता है
  • क्योंकि उसमें एकांशो (items) के बीच बहुत सारे संबंध (canection) स्थापित किया जाना संभव हो पाता है।
  • एकांशो के बीच बहुत सारे संबंध होने से मस्तिष्क में उनका संकेतीकरण ठीक ढंग से होता है 
  • फलस्वरूप ऐसे विषय या पाठ को छात्र अधिक समय तक याद रखते हैं

  • जैसे यदि छात्र अखबार में "दहेज प्रथा की बुराई" के बारे में एक लेख पढ़ता है 
  • और बाद में अपने साथियों के बीच या अपने मन में ही दहेज प्रथा से संबंधित कई प्रश्नों पर विचार कर उसका विस्तरण करता है 
  • तो इससे उस विषय अर्थात् दहेज प्रथा की बुराई के अनेक पहलुओं की याद अधिक समय तक बनी रहेगी।
  • परंतु यदि वह उसका विस्तरण नहीं करता है तो संभव है कि वह उसे कुछ ही समय में भूल जाए।
संदर्भ एवं पुनः प्राप्ति (context and retrieval)-
  • शिक्षा मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, संदर्भ एक महत्वपूर्ण पुनः प्राप्ति संकेत (retrieval cue) होता है। 
  • अतः व्यक्ति उसे संदर्भ का प्रयोग कर जिसमें सीखने की क्रिया संपन्न हुई हो, स्मृति को उन्नत बना सकता है।
  • संदर्भ का प्रयोग व्यक्ति अक्सर मानसिक रूप से करता है। 
  • जैसे कक्षा में पढ़ाए गए संस्कृत के श्लोक को यदि कोई छात्र बाद में याद करना चाहता है 
  • तो वह संबंधित शिक्षक एवं कक्षा के परिस्थिति को सामने रखता है 
  • तो संभव है कि उसे वह श्लोक आसानी से याद आ जाए।
  • यहां शिक्षक एवं कक्षा की परिस्थिति संदर्भ का उदाहरण है 
  • जो छात्र को प्रत्यवाहन (Recall) करने में मदद कर रहा है, 
  • अर्थात जो एक पुनः प्राप्ति संकेत के रूप में कार्य कर रहा है।
संगठन (organisation)- 
  • अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि व्यक्ति सीखते समय एकांशो को एक खास ढंग से संगठित कर लेता है
  • तो इससे उसकी स्मृति अच्छी हो जाती है और वह बहुत दिनों तक उसे याद भी रहता है। 
  • मनोवैज्ञानिक बोअर एवं क्लार्क ने अपने अध्ययन में पाया कि 
  • जब छात्रों को असंबंधित शब्दों(unrelated words) की एक सूची को एक कहानी के रूप में संगठित कर याद करने के लिए कहा जाता है 
  • तो वे कुल शब्दों का 90% तक प्रत्यवाहन करने में समर्थ हो गए, 
  • परंतु जब उन सूचियों को ऐसे ही याद करने के लिए कहा गया 
  • अर्थात उन्हें कहानी में बिना किसी तरह के संगठन के ही याद करने के लिए कहा गया 
  • तो वह मात्र 20% का ही प्रत्यवाहन करने में समर्थ हो सका। 
  • स्पष्ट है संगठन(organisation) से स्मृति उन्नत होती पाई गई।
PQRST Method (PQRST विधि) द्वारा स्मृति को उन्नत बनाएं। क्लिक कर पढ़ें।

स्मृति में सुधार करने के कौन-कौन से तरीके है? 

यहां कुछ व्यवहारिक उपाय बताया जा रहा है -
पुनरावलोकन (Repetition): छात्रों को जानकारी को बार-बार पढ़ने और समझने के लिए पुनरावलोकन करने का सुझाव दिया जा सकता है।
समझाना (Teaching): छात्रों को विषय को समझाने और बयान करने के द्वारा स्मृति को बेहतर बनाने में मदद कर करता है।
सुनना (Listening): सुनने की कौशल स्मृति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होता है।
मनन (Mnemonics): स्मृति टेक्निक्स जैसे मनन के तरीके ज्ञान को याद रखने में मदद करते हैं।
रचना (Creation): छात्रों को जानकारियां खुद कुछ रचना और लिखने के माध्यम से विषय को स्मृति में बेहतरीन बनाने में मदद कर सकता है।
स्वस्मरण अभ्यास (Self-testing): छात्र स्वयं जाँच करने के लिए विषय को पुनरावलोकन करने के लिए अभ्यास कर सकते हैं, जिससे उनकी स्मृति क्षमता सुधर सकती है।

स्मृति को प्रभावशाली बनाने के लिए अन्य भी बहुत सारी स्मृति युक्तियां प्रयोग की जाती है 
  1. जैसे पहले से संग्रहित स्मृति को नई सूचना से जोड़कर याद करना 
  2. सामान सूचनाओं को एक साथ रखकर याद करना
  3. विटामिन बी, पॉलीफेनॉल, ओमेगा 3 का सेवन करना जो आपकी मेमोरी को सार्प बनाते हैं।
  4. किसी भी सूचना को रुचिकर कथा के रूप में बदलकर याद करना या रुचिकर नाम देकर याद करना इत्यादि। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी अगले लेख में दी जारी है।
व्यायाम(Brain Exercise) : हलासन, शीर्षासन, कोबरा, धनुष योग जैसे आसान ब्लड सर्कुलर को बेहतर करते हैं। इस योगासन की मदद से मेमोरी पावर बूस्ट होता है ।

दोस्तों इन तकनीकों का उपयोग अध्यापन और स्वयं अभ्यास में स्मृति को उन्नत बनाने के लिए करते है।Read More

निष्कर्ष 

न्यूरोसाइकोलॉजी के अनुसार जैसे-जैसे हम उम्र में आगे बढ़ते हैं बूढ़े होते हैं संभावित स्मृति कमजोर होते जाती है। 
  • ऐसे में अधिनियमण तकनीके एक लागत प्रभावी और व्यापक रूप से लागू विधि की क्षमता प्रदान करती है 
  • जो स्वतंत्र जीवन का समर्थन कर सकती है। 
  • यह देखभाल के बोझ को कम करते हुए व्यक्ति के सफल, स्वास्थ कल्याण और सामाजिक संबंधों में योगदान देता है।
  • शिक्षकों की इस प्रशिक्षण या स्वयं प्रशिक्षण से छात्रों का स्मृति उन्नत होती है। 
जिसमें बहुल राणनीति (multiple strategie) Tools, techniques, Device, व्यवहारिक सूझबूझ आदि महत्वपूर्ण हो सकती हैं।