चंद्रयान-3 की जानकारी in Hindi - चंद्रयान-3 उद्देश्य, लॉन्च टाइम, कितने लोग गए है चंद्रयान 3 चांद पर क्या करेगा? चंद्रयान3 का उद्देश्य क्या है? 23 Aug

चंद्रयान-3 की जानकारी in Hindi - चंद्रयान-3 उद्देश्य, लॉन्च टाइम, कितने लोग गए है चंद्रयान 3 चांद पर क्या करेगा? चंद्रयान3 का उद्देश्य क्या है? चंद्रयान 3 कब लॉन्च हुआ? चंद्रयान 3 चांद पर कब तक पहुंचेगा?

अंतरिक्ष का विस्तार कितना है और कहां तक है यह इंसान के किसी किताब में दर्ज नहीं। अंतरिक्ष अनंत है और संभावनाएं भी।

चंद्रयान से इसके विस्तार के लिए अंतरिक्ष की गहराइयों में छुपी संभावनाओं की तलाश में सबसे पहला पड़ाव है चंद्रमा। चंद्रमा पर जीवन बसा सकते हैं? चंद्रयान 3 चांद की सतह, मिट्टी और वातावरण की जांच करेगा।

चंद्रयान 3 की जानकारी| उद्देश्य, लॉन्च टाइम, कितने लोग गए है
Chandrayan3 चंद्रयान 3 चांद पर कब तक पहुंचेगा?

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का तीसरा मून 3 अन्वेषण मिशन है। चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण स्थल आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस है। यह चंद्रयान 2 का फॉलोअप मिशन बताया गया है। साल 2019 में इसरो द्वारा लांच हुआ चन्द्रयान 2 सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से फेल हुआ था। इसकी क्रैश लैंडिंग हो गई थी।

चंद्रयान-3 क्या है Chandrayaan 3 Mission in Hindi

चंद्रयान-3 क्या है Chandrayaan 3 Mission in Hindi - इसरो द्वारा निर्मित एक अंतरिक्ष रॉकेट(LVM3), चन्द्रयान 3 Chandrayaan 2 का अनुवर्ती मिशन है।चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है। जो लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करता है।

 इसमें लैंडर और रोवर विन्यास शामिल है जो चंद्र सतह पर सुरक्षित पहुंचने की एंड टू एंड क्षमता प्रदर्शित करता है।
प्रणोदन मॉड्यूल 100 km चंद्र कक्षा तक लैंडर और रोवर विन्यास को ले जाएगा। 

इसमें कई सारे ऐसे इंस्ट्रूमेंट है जो इसे मजबूती प्रदान करता है। बेंगलुरु केंद्र से इसके पार्ट्स निर्मित होकर आए हैं।
भारतीय चंद्रयान 25 मीटर लंबा और 3900(launch mass) kg है। 642 टन वजनी 43.5 मीटर ऊंचा है।
LVM3 -M4(बाहुबली रॉकेट) यह 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है।
"ए चांद तू तेरे नखरे, कब तक दिखाएगा।। 
भारत तेरा आशिक हैं, मिलने तुझसे फिर आएगा।।"

चंद्रयान 3 कब लॉन्च हुआ था - chandrayaan-3 में कितने लोग गए हैं

चंद्रयान 3 कब लॉन्च हुआ था - chandrayaan-3 में कितने लोग गए हैं Name list - Chandrayan 3 जिसमें एक रोबोटिक लैंडर रोवर, प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल है। चंद्रयान शुक्रवार 14 जुलाई 2023 को 2:35:17 बजे भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। 

चंद्रयान के रोवर और लैंडर के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चंद्रयान 3 के लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान हीं रहेगा। यह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (LVM 3) रॉकेट पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

इस यात्रा में 42 दिन लगेंगे। चन्द्रयान 3 लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल सहित 6 पेलोड ले जाएगा। 
चंद्रयान 3 मिशन का नेतृत्व रितु करिधल श्रीवास्तव कर रही है।

चंद्रयान 3 चांद पर कब तक पहुंचेगा? कितने दिन लगेंगे 

Moon mission: मिली जानकारी के मुताबिक चंद्रयान3 के पीछे 15 साल की मेहनत है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो मिशन 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा। कुल 42 दिन लगेंगे। 23 Aug शाम 5: 47 मिनट पर साकार होगा भारत का सपना।

चंद्रमा पर अपनी ऐतिहासिक और घुमावदार यात्रा शुरू कर चुका है। यह भारत के लिए सबसे बड़ी सफलता होगी
इसरो के अनुसार लगभग 77 मिलियन अमेरिकी डॉलर के।

चंद्रमा पर पहुंचने से पहले बहुत कुछ करना बाकी है -

इसरो चंद्रयान इनकी चंद्रमा तक की लगभग 40 दिवसीय यात्रा को अलग - अलग खंडों में विभाजित किया है -
पृथ्वी केंद्रित चरण, चंद्र स्थानांतरण चरण और चंद्रमा केंद्रित चरण।

प्रीलॉन्च और लॉन्च और लिफ्ट ऑफ द्वारा चढ़ाई की अवधि पूरी हो चुकी है। और chandrayaan3 अपने रॉकेट से अलग हो गया है। मिशन अब पृथ्वी बाध्य पैंतरेबाजी चरण में है

जो चरण एक का हिस्सा है इस दौरान चंद्रयान 3 पृथ्वी के चारों ओर 5 परिक्रमाएं लगाएगा। हर बार जब पृथ्वी के पास से गुजरेगा अंतरिक्ष यान पेलोड हमारे ग्रह से अपनी दूरी बढ़ा देगा। तीन चरण के दौरान चंद्रमा की ओर भेजा जाएगा।

चंद्रयान 3 का उद्देश्य क्या है? सॉफ्ट लैंडिंग रिसर्च 

  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र सतह के पास एक सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना । 
  • एक रोवर को तैनात करना और उसके संचालन का प्रदर्शन करना ।
  • और संचालन के एक चंद्र दिवस पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर के दौरान यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करना। 
  • रोवर चंद्रमा की संरचना और जियोलॉजी पर डाटा एकत्र करेगा। 
  • रोवर चांद की सतह की तस्वीरें भेजिएगा, चांद की मिट्टी की जांच करेगा,
  • चांद के वातावरण की रिपोर्ट देगा।
  • रोवर चांद का केमिकल विश्लेषण करेगा।
  • चांद पर मौजूद मिनरल्स खनिज खोजेगा।
  • क्या चांद में पानी का कोई अंश है जैसी कई डेटा एकत्र करेंगे।
  • चंद्रयान-3 में लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है,
  • जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है।
  • लैंडर के पास निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंड करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी जो इसकी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह के इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा। 
  • सेटेलाइट के माध्यम से रॉकेट की गति के साथ आकाशगंगा में उसके घूमने और गतिविधियों की जानकारी केंद्र तक आती है।

चंद्रयान 3 की स्पीड कितनी है?

  1. चन्द्रयान 3 की अंतरिक्ष में स्पीड लगभग 1. 627 किलोमीटर प्रति सेकंड है।
  2. इस रॉकेट की रफ्तार 6,437 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।
  3. आसमान में 62.17 km की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे 
  4. और राकेट की रफ्तार 7000 किलोमीटर प्रति घंटा पहुंच जाएगी ।
  5. जब चंद्रमा की सतह पर उतरेगी तो इसकी स्पीड लगभग 1.6 किलोमीटर प्रति सेकंड हो जाएगी। 
  6. यह स्पीड चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण धीमी हो जाती है।

चंद्रयान 3 चांद पर क्या क्या करेगा? नीतभार|

प्रणोदन नीतभार: प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक मापों का अध्ययन करने के लिए स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (एसएचएपीई) नीतभार है।

लैंडर नीतभार: तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए चंद्र सतह तापभौतिकीय प्रयोग (चेस्ट); 
लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधि (आईएलएसए) के लिए साधनभूत;
प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए लैंगमुइर जांच (एलपी)।
नासा से एक निष्क्रिय लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययनों के लिए समायोजित किया गया है।

रोवर नीतभार:
लैंडिंग साइट के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा कण एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस)।

लैंडर और रोवर के पास चंद्र सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक नीतभार हैं। पीएम का मुख्य कार्य एलएम को लॉन्च व्हीकल इंजेक्शन से अंतिम चंद्र 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना है।

इसरो के अध्यक्ष से टाइम्स ऑफ इंडिया की खास बातचीत

इसरो के अध्यक्ष श्रीधर पंडित सोमनाथ ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि लैंडिंग 23 या 24 अगस्त को होगी  क्योंकि हम चाहते हैं कि चंद्रमा पर सूरज उगने पर लैंडिंग हो। इसीलिए हमें काम करने के लिए 14 से 15 दिन मिलेंगे।

अगर इन 2 तारीख को लैंडिंग नहीं हो पाती है,  तो हम एक और महीने तक इंतजार करेंगे और सितंबर में उतरेंगे। chandrayaan-2 के केस के बाद से इसरो ने कई बदलाव लागू की सुधारों में लैंड के पैरों को मजबूत करना इसकी लैंडिंग गति सहनशीलता में बृद्धि और दृष्टिकोण गति को मापने के लिए एक नए सेंसर को शामिल करना है

चंद्रयान 3 सिलेंडर की अपनी तरफ प्रणाली नेवीगेशनल और मार्गदर्शन नियंत्रण और खतरे का पता लगाने और बचाव प्रणाली के लिए है।

वैज्ञानिक पेलोड से शिक्षक सुसज्जित लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप भी शामिल है जो चंद्रशेखर की रासायनिक संरचना के विश्लेषण की अनुमति देता है और अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर एक्सेस को चन्द्रयान 3 लैंडिंग स्थल के आसपास तथा चंद्र चट्टानों और मिट्टी के लिए भी ऐसा ही करेगा। और कई सारे इंस्ट्रूमेंट जो चंद्रमा की डाटा एकत्र करेगा।

जो वैज्ञानिकों को चंद्रमा प्रणाली की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी । चन्द्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं होगा सिर्फ लैंडर और और रोवर ही रहेंगे

यात्रा से क्या फायदा होगा?

  • अगर chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर वहां सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कर लेता है 
  • तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा ।
  • साथ ही चांद की सतह पर लेंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा। 
  • इससे पहले 25 दिसंबर 2009 को इसरो ने घोषणा कि -
  • चंद्रयान-1 पर एक अन्य उपकरण एमआईपी ने प्रभाव से ठीक पहले 
  • चंद्रमा पर पानी की खोज की थी और नासा ने इसकी पुष्टि की थी। 
दोस्तों, यह खबर इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार लीखित है।

चंद्रयान 3 की जानकारी| उद्देश्य, लॉन्च टाइम, कितने लोग गए है

FAQ :

प्रश्न - चांद पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति कौन हैं?

उत्तर - आपको बता दूं कि चांद की धरती पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति नील एल्डन आर्मस्ट्रांग और एडविन एक अमेरिकी खगोलयात्री थे। वहीं अमेरिकी महिला सैली राइड अंतरिक्ष में जाने वाली दुनिया की पहली महिला थी। चंद्रमा की उम्र 4.53E9 वर्ष है।

प्रश्न - क्यों साउथ पोल पर लैंडिंग करना कठिन है ?

उत्तर- दोस्तों दक्षिणी ध्रुव के पास लगभग 70 डिग्री पर स्थित स्थान है, वहां पर सॉफ्ट लैंडिंग करना कठिन है। क्योंकि सूर्य का किरण प्रकाश यहां पर नहीं पहुंच पाती है।
क्योंकि यहां पर बहुत सारे गड्ढे व क्रेटर हैं जिसकी वजह से कोई लैंडिंग की नहीं सोचता। 
-230° सेडिकेट यहां का तापमान है। इस वजह से कोई भी देश यहां सॉफ्ट लैंडिंग का जोखिम नहीं लेता है।
लेकिन भारत करने वाला है, हमारी लैंडिंग 23- 24 अगस्त को होने वाली है।

प्रश्न - LVM-3 M4 रॉकेट का विवरण 100 शब्दों में दीजिए

उत्तर चंद्रयान 3 को अंतरिक्ष में भेजा गया है चांद पर रिसर्च करने के लिए। जिसमें एलबीएम LVM 3 रॉकेट लगा हुआ है।

फर्स्ट स्टेज में 2 रॉकेट बूस्टर लगे होते हैं जो तेज गति से उड़ान भरने के बाद जलकर(2mint) हट जाता है।
जिसका नाम है S- 200 । इसमें सॉलि़ड फ्यूल भरा होता है। इसकी गति हम कंट्रोल नहीं कर सकते।

सेकंड स्टेज जिसका नाम है L-110 । इसमें लिक्विड फ्यूल होता है। 306sec बाद अलग हो जाता है। यह गति को नियंत्रित कर सकता है। इसमें विकास इंजन लगा होता है।

तीसरा स्टेज होता है C-25 इंजन है। इसमें क्रायोजेनिक (H2+O2 फ्यूल) इंजन लगा होता है जो 954 sec. बाद बंद हो जाता है। अब चन्द्रयान अलग हो गया है। 

यह सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है। ये पेलोड के जस्ट नीचे लगा रहता है। इन तीनों का काम chandrayaan3 माड्यूल को अंतरिक्ष में ले जाना होता है। इसके बाद चंद्रयान 3 अपने तय समय में कार्य के लिए तैयार है।

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