PICA Eatind Disorder: पिका या पाइका क्या है? कब और क्यों होता है ।
PICA Eatind Disorder |
कितना सामान्य है पाइका होना ? PICA in Hindi
PICA kya hai : अक्सर पाइका बच्चों और गर्भवती महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है । पिका शब्द की उत्पत्ति मैगपाई पंछी के लिए लैटिन शब्द पिक से हुई है, यह एक ऐसी पंछी है जो अपने असमान्साय खाने की लालसा जैसा व्यवहार के लिए प्रसिद्ध माना जाता है कि वह लगभग कुछ भी खा सकता।
- बच्चें धूल मिट्टी में खेलते पढ़ते भी इन्हें खा लेते हैं ।जो कि टेस्टी लगता और आदत में बन जाती है।
- शुरुआत में थोड़ा और फिर ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं।
- अमूमन पाइका डिसऑर्डर कुछ समय के लिए ही होता है।
- वैसे तो यह बीमारी स्वयं ही ठीक हो जाती है।
- हालांकि जिन लोगों को बौद्धिक अक्षमता, मानसिक स्वस्थ संबंधित समस्या है उनमें यह विकार लंबे समय तक रह सकता है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ लोगों में डाइटिंग और कुपोषण के कारण भी पिका रोग विकसित हो जाता है
- इन मामलों में नॉन फूड आइटम खाने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है।
- जो मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति हैं, बौद्धिक रूप से असमर्थ हैं उनमें भी पाइका की शिकायत पाई गई है।
- कुछ लोगों में पाइका की शिकायत आंशिक ना होकर लंबे समय के लिए हो सकता है ।
पिका के क्या लक्षण है?
अगर आपको या किसी बच्चे को यह डिसऑर्डर है तो अपने आप निम्न चीजें खाने लगते हैं जैसे-
- साबुन
- बाल,
- ऊन, डोरी, धातु
- बटन
- मुल्तानी मिट्टी
- कच्चा चावल
- सुखी पेंट
- मिट्टी, धूल , कीड़े मिट्टी
- राख , कोयला
- चॉक,
- पेंसिल
- स्लेट पिंसिल
- रवर
- कलर
- गोंद
- कागज
- मल
- ईंट, कंकड़
- स्टार्च या बर्फ
कलर, रवर, चाॅक Indigestiblefood |
- बर्फ (खाने, चबाने की आदत या लालसा को) आईस पिका कहा जाता है।
- पगोफैगिया पिका का एक विशेष रूप है जो बर्फ, फ्रीजर फ्रॉस्ट या आईस्ड ड्रिंक के सेवन से होता है।
- यह अक्सर आयरन या कैल्शियम की कमी से जुड़ा होता है।
पाइका से कौन कौन सी स्वास्थ्य संबंधित बीमारी हो सकती है?
इस प्रकार की अनावश्यक वस्तुओं को खाने की इच्छा और आदत कई बार गंभीर स्थितियों का कारण बन सकती है ।
- पाॅइजनिंग (लेड पाॅइजनिंग )
- परजीवी संक्रमण
- आंतों में रूकावट खाद्य नली में वस्तुओं का फंसना
- किडनी में पथरी का होना
- असहनीय पेट दर्द
- हीमोग्लोबिन की कमी
- पिका आत्म केंद्रित या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के लिए विशिष्ट नहीं है।
- लेकिन पिका एक खतरनाक विकार है जो अखाद्य वस्तुओं को खाने से आपके शरीर पर कभी कभी बहुत प्रभाव डालता है।
- सालों पहले की बात है दैनिक जागरण पेपर में यह खबर आई थी की बच्चों को कपड़े खाने की आदत है
- भूख में वह कपड़े को निकल जाता था।
- पेट में दर्द हुई तो डॉक्टर इसका कारण जान पाए।
- ऐसा ही एक केस में ऑपरेशन के दौरान एक व्यक्ति के पेट से लोहे की नट वोल्ट चम्मच आदि पाया और निकाला गया।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
जब व्यक्ति ऊपर बताई गई चीजें खाने लगे, पेट में दर्द होने लगे या अन्य कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
समय से इलाज होने पर परेशानियों और साइड इफेक्ट्स का जोखिम कम हो जाता है।
साइकोलॉजिस्ट विशेषज्ञ के इलाज के माध्यम से संभावित गंभीर दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिल सकती है।
27-68% गर्भवती महिलाओं और 50% छोटे बच्चों में इस विकार का निदान किया गया है।
पाइका होने के कारण क्या है?
पाइका होने का कोई एक कारण नहीं है। पाइका का अंतर्निहित कारण हो सकता है। इस विकार का अनुवांशिक कारण नहीं है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि पिका रोग में अनावश्यक चीजों को खाने के लिए होने वाले तीव्र इच्छा शरीर में पोषक तत्वों की कमी की भरपाई की कोशिश हो सकती है।
- कुछ मामलों में आयरन, जींक, कैल्शियम या अन्य पोषक तत्वों की कमी होने से लोगों को पाइका हो होता है।
- उदाहरण के लिए अगर किसी को एनीमिया या आयरन की कमी होती है तो पाइका के लक्षण सामने आने लगेंगे।
- ऐसा खास करके गर्भवती महिलाओं में होता है
- लेकिन यह जरूरी नहीं कभी-कभी यंग लोग और बच्चों में खासकर ऐसा देखा जाता है।
- कुछ लोग जो मानसिक बीमारियों जैसे सिज़ोफ्रेनिया
- और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) से ग्रसित रहते हैं, उन्हें भी पाइका डिसऑर्डर हो सकता है।
- कुछ लोगों को खाने की अयोग्य चीजें खाने में मजा आता है तो वह मिट्टी जैसी चीजें खाते हैं।
- इस प्रकार के पाइका को जियोफेजिया कहते हैं।
- डाइटिंग और पोषक तत्वों की कमी पाइका के मुख्य कारणों में से एक है।
पाइका के साथ आपको क्या समस्याएं हो सकती है ?
पाइका में होने वाली समस्याओं की जानकारी के लिए सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें। जरूरत पड़ने पर साइकॉलजिस्ट की मदद लें। यहां हम आपको बता रहे हैं पिका की कई संभावित जटिलताएं हैं जैसे:
- गंदगी या अन्य वस्तुओं में मौजूद बैक्टीरिया गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
- कुछ संक्रमण किडनी लीवर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
- गैर खाद्य वस्तुओं को खाने से स्वस्थ भोजन खाने में हस्तक्षेप हो सकता है जिससे पोषण संबंधी कमियां हो सकती है।
- कुछ वस्तुओं जैसे पेंट में शीशा पदार्थ शामिल हो सकते हैं और उन्हें खाने से विषाक्तता हो सकती है।
- जिससे बच्चे की सीखने की क्षमता और मस्तिष्क सहित जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है या
- और अधिक भी संभावित घातक दुष्प्रभाव हो सकता है।
- उन वस्तुओं को खाना से बचते नहीं है तो चॉक, पत्थर, ईट आंतो सहित पाचन तंत्र में कब्ज या दस्त रुकावट पैदा कर सकते हैं।
- इसके अलावा कठोर या किसी वस्तु में जैसे पेपर क्लिप से या धातु स्क्रैप अन्य प्रणाली या आंतों के स्तर में आंसू पैदा कर सकती है।
- मिट्टी या मल खाने से आंतों में संक्रमण हो सकता है क्योंकि इसमें परजीवी या कीड़े होते हैं।
- खासकर जो स्टूडेंट यंग महिलाएं होती हैं उसमें इंटरनल प्रॉब्लम हो सकती है।
- मुंह में उजले छाले आदि का आना हो सकता है
- जिससे आपको खाने में प्रॉब्लम होती है जिससे आप अस्वस्थ हो सकते है।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिए और अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
पाइका का निदान कैसे किया जाता है?
- पाइका का पता लगाने के लिए किसी भी तरह का कोई टेस्ट नहीं है।
- डॉक्टर पाइका का पता आपकी प्रस्तुति और जीवन इतिहास जानकर लगाते हैं।
- आप अपनी डॉक्टर को ईमानदारी के साथ उन चीजों को बताएं जो आप पाइका के चलते खा रहे हैं।
- शर्मिंदगी महसूस करने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए कि आप बड़े हो गए हैं फिर भी हरकते कर रहे हैं।
- यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए डॉक्टर से खुलकर अपनी परेशानियां बताएं।
- ऐसा करने से डॉक्टर को आपकी समस्या ठीक तरह से जानने में आसानी होती है।
- बच्चों और मानसिक रोगियों में पाइका के कारणों को जानना थोड़ा कठिन काम है।
- डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट भी करा सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट कराने से शरीर में जिंक या आयरन की कमी पता चल जाएगी।
पाइका का इलाज कैसे होता है?
- पाइका के कारण शरीर में कई तरह के भी कार्य समस्याएं आने लगती हैं।
- उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति सूखे पेंट खाता है तो यह उसके लिए जहरीला साबित हो सकता है
- क्योंकि पेंट में लेड की मात्रा पाई जाती है।
- डॉक्टर इलाज के लिए कुछ थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते है।
- इस प्रक्रिया में डॉक्टर ऐसी दवाएं देते हैं जो लेड के साथ मूत्र मार्ग, क्रिया करके लेड को शरीर से बाहर करने में मदद कर सके।
- यदि डॉक्टर को लगता है कि पोषक तत्व के असंतुलन के कारण रोगी को पाइका की समस्या हो रही है
- तो उसे विटामिन या खनिज पूरक दिया जा सकता है
- उदाहरण के लिए यदि रोगी में एनीमिया का निदान होता है
- तो उसे नियमित रूप से आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जा सकती है।
- रोगी में ओसीडी या कोई अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधित स्थिति के मूल्यांकन और उसके इलाज के लिए डॉक्टर उसे मनोवैज्ञानिक के पास भी भेज सकते हैं।
- साथ ही डॉक्टर एथिलीनडाईएमाइनटेट्राएसिटीक या EDTA और Dulcoflex जैसी दवा मरीज को देते हैं।
- याद रखें यह दवा डॉक्टर की सलाह के बिना ना लें,
- खुद ही डॉक्टर बनने की कोशिश करना आपके स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
- अगर डॉक्टर को लगता है कि आपके अंदर पोषक तत्वों की कमी से पाइका है
- तो वो दवा और केलेशन या चेलेशन थेरेपी दोनों तरह से इलाज करने की कोशिश करते हैं।
निष्कर्ष:
पिका के साथ आमतौर पर सहवर्ती विकार ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार और बौद्धिक विकलांगता और कुछ हद तक लेजर डिग्री, सिज़ोफ्रेनिया और ओसीडी हैं।जिन बच्चे में बौद्धिक रूप से असमर्थता न की कमी, पोषक तत्वों की कमी, कुपोषण और असमान्य खाने ने की लालसा हो इस विकार से ग्रस्त हो सकते हैं।
2000 में "एप्लाइड बिहेवियर एनालिसिस" के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पाइका में दवाओं से ज्यादा मल्टीविटवीन सप्लीमेंट असर करते हैं।
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