नींद इतना जरूरी क्यों है, अगर आप लगातार जागते हैं तो आपके साथ क्या होगा,नींद ना लेने से कौन-2 सी बीमारियां होती है, कारण, लक्षण।नींद की कमी होना sleep

 नींद हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है यह हमारी लाइफ का इतना जरूरी है कि सामान्य इंसान अपनी पूरी जिंदगी का एक तिहाई वक्त सोने में लगा देता है। अगर हम एक पूरी रात नींद ना लें तो अगली सुबह आपको कैसा महसूस होगा-- काफी कमजोर और थका हुआ महसूस करते हैं, दृष्टि और श्रवण हानि जैसे समस्या आपको स्पष्ट दिखाई पड़ने लग जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक इंसान कितने दिन तक बिना सोए रह सकता है? नींद ना लेने से हमारे अंदर कौन सी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। कभी आपने सोचा है कि हमारे आज नींद ना लेने से होने वाली यह प्रॉब्लम इतनी ज्यादा खतरनाक होती है कि इंसान की जान भी जा सकती है। आइए जानते हैं

नींद इतना जरूरी क्यों है, अगर आप लगातार जागते हैं तो आपके साथ क्या होगा। नींद ना लेने से कौन-कौन सी बीमारियां होती है, कारण, लक्षण

आपको क्या लगता है कोई इंसान बिना नींद के कितने समय तक रह सकता है? एक पूरी रात जाग कर अध्ययन करने की बात हो या किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट या असाइनमेंट पर काम करना हो या घर में शादी-विवाह हो, एक पूरी रात तक तो हम में से ज्यादातर लोग जाग चुके हैं। बिना नींद लिए रहने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है 264 घंटे यानी 11 दिन है। इतने रिसर्च और स्टडी के बाद भी अभी तक यह स्पष्ट पता नहीं लगा पाए हैं कि कोई इंसान बिना नींद के कितने दिनों तक रहता है, जी सकता है। कभी कभी नींद ना लेना आपको थका और कमजोर तो महसूस करवाता है लेकिन आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं डालता। लेकिन 3 या 4 राते ना सोने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी असर डाल सकता है। Why We Sleep किताब के लेखक Matthew walker के अनुसार उचित नींद ना लेकर हम हमारे मस्तिष्क को प्रारंभिक तौर पर  नये स्मृति बनाने से रोक देते हैं। यानी बिना नींद के मस्तिष्क का मेमोरी इनबॉक्स बंद हो जाता है और हम अनुभवों को मस्तिष्क तक नहीं भेज पाते हैं। सारे अनुभवों और मेमोरी चिप बाउंस होकर बाहर को ही चले आते हैं। इसी तरह से और भी काफी सारी समस्या हो सकती है, अगर आप उचित नींद नहीं लेते हैं। इसमें सबसे पहली समस्या है -


नींद ना लेने से मस्तिष्क पर प्रभाव

Increase Toxic Protein

विषाक्त प्रोटीन का बढ़ना - नींद की कमी होने की वजह से हमारे मस्तिष्क में एक बिषाक्त प्रोटीन विकसित होने लगता है जिसे कहते हैं Beta amyloid. यह टॉक्सिक प्रोटीन अल्जाइमर जैसे बिमारी का भी एक कारण बन सकता है। दरअसल यह प्रोटीन समान्य तौर पर हमारे मस्तिष्क में बनता ही रहता है। लेकिन जब हम उचित नींद नहीं लेते हैं और डीप स्लीप स्टेज में होते हैं, तब हमारे मस्तिष्क का CVA सिस्टम इस टॉक्सिक प्रोटीन को आपके मस्तिष्क से बाहर निकालने का काम करता है। जिससे संतुलन बना रहता है। रात में उचित नींद नहींं लेते हैं तो ये Bita amyloid लगातार बनता जाता है। और यह विकसित करता है डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसे मानसिक बिमारी को।

नींद ना लेने से शारीरिक बीमारियां

 शारीरिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है - हमारा प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) ऐसे अंग और शरीर कोशिका का संग्रह है जो हमारे शरीर को अलग-अलग तरह की बीमारियों से रक्षा/बचाव करता है। जिस तरह से एक गाड़ी को अच्छी तरह से चलते रहने के लिए मेंटेनेंस की जरूरत होती है। उसी तरह से हमारे इम्यून सिस्टम को भी मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है, जिससे कि वो हमारी बॉडी को अच्छी तरह से बचाव कर सके। हमारी इम्यून सिस्टम को यह मेंटेनेंस नींद ही प्रोवाइड प्रदान कराती है। और जब हम नींद नहीं लेते हैं, तब हमारे शरीर साइटोकींस नहीं बना पाती। साइटोकींस एक तरह का प्रोटीन है जो इम्यून सिस्टम को अच्छी तरह काम करने के लिए जरूरी होता है। पर नींद ना लेना आपको जल्दी बीमार तो करता ही है साथ ही साथ रिकवर होने की गति को भी काफी कम कर देता है । नींद की कमी से इंसान को सांस लेने से संबंधित बीमारियां भी पैदा होने लगता है। सिर्फ एक पूरी रात जागने से आपके एंटी कैंसर फाइटिंग सेल 70 प्रतिशत तक नष्ट हो चुके होते हैं। यही कारण है कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी पैदा हो सकती है। हृदय संबंधित बीमारियां भी नींद की कमी से आपके कार्डियो सिस्टम पर भी बुरा असर डाल सकती है। आपका रक्तचाप कम होने लगता है। दिल की धड़कन धीमी हो जाती है। अगर आप ज्यादा जागते हैं, कम नींद लेते हैं तो दिल का दौरा पड़ने या फिर स्ट्रोक होने के संभावना दो सौ प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 

नींद ना लेने से मानसिक बीमारियां

सवाल उठता है कि हम कितने वक्त तक बिना सोए नॉर्मल रह सकते हैं। इसका उत्तर है कि बिना किसी समस्या के हम 16 घंटे तक जाग सकते हैं। समस्या की शुरुआत होती है सोलह घंटे के बाद । 16 घंटे के बाद हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक बदलाव देखने को मिल जाते हैं, जैसे- स्मृति तार्क , संज्ञानात्मक निर्माण में समस्या आना शुरू हो जाती है। अगर आप 24 घंटे ही जागते हैं तो आप पर पड़ने वाले प्रभाव दिखाई देने लगता है। आपको देखने वाला इंसान समझ जाता है कि आपके साथ कोई समस्या है। आप ऐसे करते हैं जैसे आपने पी रखी है, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन, झुंझलाहट और कमजोरी दिखाई देता है। आपका निर्णय लेने की क्षमता पर काफी स्पष्ट प्रभाव देखने को मिल जाता है और मसल टेंशन भी बढ़ने लगता है। 

 अगर कोई इंसान 36 घंटे तक लगतार जागता है तो उसके शरीर और मस्तिष्क पर तीव्र प्रभाव होता है। जब कोई इंसान 36 घंटे तक लगातार जागता है तो वह भावनात्मक अस्थिरता होने लगता है। बिना किसी कारण के हंसना या उदास रहना। इस तरह के लक्षण दिखने लगते हैं । तनाव स्तर बढ़ने लग जाता है, साथ ही साथ बॉडी टेंपरेचर भी सामान्य से ज्यादा हो जाता है। इतने टाइम तक लगातार जागने से आप में बात करने से संबंधित समस्या भी दिखने लगती हैं। 48 घंटे यानी 2 दिन तक लगातार जागने के बाद इंसान माइक्रो स्लीप लेने लगता है। 


सूक्ष्म नींद क्या है ? Micro Sleep 

माइक्रोस्लीप वह स्थिति होती है, जिसमें इंसान का दिमाग कुछ-कुछ समय के लिए सोता है लेकिन इंसान की आंखें खुली रहती है। अपनी नींद को पूरा करने के लिए हमारा मस्तिष्क इस माइक्रोस्लीप का सहारा लेता है। इसी के साथ-साथ आप छोटी-छोटी काम करने में भी खुद असमर्थ पाते हो। सारे समझ कमजोर हो जाते हैं। और इम्यूनिटी भी कमजोर होने लग जाती है। 72 घंटे तक जागते रहने से आपके अंदर बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। दिमाग लगभग काम करना बंद कर देता है। मतिभ्रम होना शुरू हो जाते हैं। इसमें विजुअल एंड ऑडिटरी दोनों तरह के हेल्युसियेसंस देखने को मिलते हैं।(इसके बारे में और जानने के लिए स्लीप पैरालिसस आर्टिकल पढ़ सकते हैं) इंसान को वह सब दिखाई देने लगता है जो उस वक्त मूवमेंट होता ही नहीं है। उसे ऐसी आवाज सुनाई देने लगती है जो वास्तविकता में होता ही नहीं है। यहां आकर इंसान लॉस ऑफ रियलिटी तक पहुंच जाता है और वास्तविकता से से हटकर सोचना शुरू कर देते हैं । ऐसी हालात में इंसान एक भ्रम में जीने लगता है। उसकी जिंदगी एक भ्रम (इल्यूजन) बन जाती है और वह चाहकर भी इससे ज्यादा जाग नहीं पाता। यानी 72 घंटे से ज्यादा जागना किसी सामान्य इंसान की बस की बात नहीं।

 समान्य भाषा में समझाया जाय तो यह लेखनी आपको यह तो सिखा ही दिया होगा की कई रात लगातार जागने से आपकी मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर डाल सकता है। इसीलिए जरूरी होता है कि आप 7- 8 घंटे की पूरा नींद लें। आप अभी तक लगातार कितनी रातें जागे हैं कमेंट में बताएं। इस लेख को दूसरे लोगों तक शेयर करें अपने दोस्त, परिवार सदस्यों को भी जागरूक करें कि नींद हमारे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है। जैसे मोबाइल में बैटरी लो हो जाने के बाद उसे चार्ज करके पुनः रिचार्ज करते हैं और अपने काम बिना किसी रुकावट के बड़ी आसानी से कर लेते हैं। ठीक उसी तरह से नींद हमारे दिमाग को रिचार्ज करता है। नींद हमारे दिमाग की खुराक है जब आप पूरी नींद लेते हैं तभी आप स्वस्थ और ज्यादा सक्रिय रह पाते हैं। अपने काम को शत प्रतिशत दे पाते हैं।

धन्यवाद